कहते हैं कभी-कभी उस पर छोड़ना पड़ता है, फिर भी वहीं होता है जो वह चाहता है। तो हम कुछ करते क्यों है, उस पर क्यों नहीं छोड़ देते। ये भी एक अजीब सा सवाल है, शायद इसका जवाब उलझी जिंदगी को कुछ हद तक सुलझा दे!
सब साफ़ और सुलझे रास्ते पर चलना चाहते है, कोई गड्ढों से गुजरना पसंद नहीं करता। मगर गड्ढे ही ऐसी चीज़ है जो रास्ते मे खूब मिलते है, अब चाहे वोह ज़िन्दगी के हो या सड़क के! तो क्यो ना इन गड्ढों को अपना दोस्त बना लिया जाए।