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आतंक

हा उसने ये आतंक मचा रखा  है , जीत नही चाहीए हमे हराना है , ज़िस देश में लोग हो भुखे और असुरक्षित, उसने हमे फ़ना करने का बीड़ा उठाया है , सिंधु नदी, मोस्ट फेवर्ड नेशन ये तो है शुरुआत , तुम्हारे बचे कूचे अस्तित्व को ऐसे ही मिटाना है, खास दुश्मन का है मोहरा वो ज़रूरतो का , खत्म हुई तो प्यादे माफिक सस्ते में निपटना है!