Posts

Showing posts from December, 2016

यु इस तरह मेरा दिल तोड़ कर

तुम अभी  ना जाओ छोड़  कर, यु इस तरह मेरा दिल तोड़ कर , क्यो गेरो में मसरुफ हो  गए, यु इस तरह मेरा दिल तोड़ कर, मुख्तलीफ है हम दुनिया के लिये, रिवायतो की जन्जीरे बंधी है इसलिये, जो हम दोनो को जुदा कर दे , ऐसे मजहब को मैं मानु किसलिये ज़माने को भी मनाने की कोशिश की, तुमने यु मेरी हौसला अफज़ाई की , मुझसे खामोशियो से राब्ता कर, यु इस तरह मेरा दिल तोड़ कर, क्यो गेरो में मसरूफ हो गए , यु इस तरह मेरा दिल तोड़ कर