संघर्ष
आस्मां से गिरे खजूर पर अटके जैसी लगती है,
दिल के मामलो की राजनीति छोड़ आए,
बाहरी मुद्दों पर परेशानी खड़ी लगती है,
जब लिखा ही है किस्मत में संघर्ष करना,
मैदान छोड़ने की बात बेवजह लगती है,
अस्तित्व पर उठता है जब-जब सवाल,
प्रहार में संसार की शक्ति अनुभव होती है,
जीत गए तो नया युद्ध सामने होता है,
जिंदगी इसी तरह तो रंगीन लगती है।
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