जाने क्यों उस मिट्टी में क्या है जो घर की याद आती है, जाने इस परदेस में क्या है जो यहाँ रोके रखता है, इस कश्मकश में ही जीये जा रहे है, दिल है कही ओर, दिमाग की माने जा रहे है, दिल ओर दिमाग की मनमानी एक होना चाहिए, जिंदगी लंबी नहीं बल्कि बड़ी होना चाहिए, पंछी है हम आखिर उड़ना भी सीख गए, दस्तूर है नया आशियाना, वो बना गए, अपनों से दूर होना कोई बड़ा मसला नही, गैरो को अपना बनाना किसी को आता नहीं, अब जिंदगी का फलसफा कुछ ऐसा होना चाहिए , जिंदगी लंबी नहीं बल्कि बड़ी होना चाहिए।
वाह
ReplyDeletethank you
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