गरीब













दोस्त, लाचार, बेबस और खाली जेब पड़े है,
कहते है आजकल गर्लफ्रेण्ड मिलती कहां है,
देखा इधर-उधर और मुंह ताड़ते रहे,
एक खुबसुरत लड़की के पीछे भागते रहे,
शादी हुई तो घर से बंध गए,
राशन किराना के भाव पता चल गए,
अब तो दाल भी मिलना नसीब में नहीं है,
ये अब अमीरो का खाना, गरीबों का नहीं है,
मेरी इंश्योरेंस पॉलिसी कुछ काम कर जाए,
मरने के बाद बच्चों के सपने पूरे हो जाए,
जिंदगी रहते तो कुछ कर न सका,
घरवालों के आंसू पोछ न सका,
उस दुनिया में तो मुझे यमराज भी सताएगें,

गिन-गिन के हर पाप मेरे पकोड़े बनाएगें।

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